मुद्रा क्या-क्या सुविधाएं उपलब्ध कराएगा? मुद्रा कैसे कार्य करेगा?
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तत्वावधान में, मुद्रा ने पहले से ही अपने प्रारंभिक
उत्पाद/ योजनाएं तैयार कर ली हैं। इन पहलकदमियों को 'शिशु', 'किशोर' तथा 'तरुण' नाम
दिए गए हैं, जो वृद्धि/विकास के चरण और लाभग्राही सूक्ष्म इकाई /उद्यमी की निधिक आवश्यकताओं
के द्योतक हैं। साथ ही वे विकास/वृद्धि के अगले चरण का भी बोध करता हैं।
इनकी सीमाएं निम्नवत हैं-
- क. शिशु : ५०,०००/- तक के ऋण हेतु
- ख. किशोर : ५०,०००/- से अधिक तथा ५ लाख तक के ऋण हेतु
- ग. तरुण : ५ लाख से १० लाख तक के ऋण हेतु
मुद्रा की ऋण-प्रदायगी प्रणाली इस प्रकार परिकल्पित है, जिसमें मुख्यतया बैंकों/गैर-बैंकिंग
वित्तीय कंपनियों/ अल्प वित्त संस्थाओं के जरिए पुनर्वित्त प्रदान किया जाएगा। साथ
ही, ज़मीनी स्तर पर वितरण चैनल का विकास तथा विस्तार करने की भी आवश्यकता है। इस सन्दर्भ
में, कंपनियों, न्यासों, समितियों, संघों तथा अन्य नेटवर्कों के रूप में पहले से ही
बड़ी संख्या में अंतिम छोर के वित्तपोषक मौजूद हैं, जो लघु व्यवसायों को अनौपचारिक
वित्त उपलब्ध करा रहे हैं।
मुद्रा के लक्ष्य ग्राहक कौन हैं / किस प्रकार के उधारकर्ता मुद्रा से सहायता पाने
के पात्र हैं?
ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों में स्थित गैर निगमित लघु व्यवसाय घटक (एनसीएसबीएस), जिनमें
ऐसी लाखों प्रोप्राइटरशिप/पार्टनरशिप फर्में शामिल हैं, जो लघु विनिर्माण इकाइयाँ,
सेवा क्षेत्र की इकाइयाँ, दुकानदार, फल/सब्जी विक्रेता, ट्रक परिचालक, खाद्य-सेवा इकाइयां,
मरम्मत की दुकानें, मशीन परिचालन, लघु उद्योग, दस्तकार, खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां तथा
व्यवसाय चलाते हैं।
क्या प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) के अन्तर्गत कोई सब्सिडी है? यदि हाँ तो
उसके ब्यौरे दें।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अंतर्गत दिए जानेवाले ऋणों के लिए कोई सब्सिडी नहीं है।
यदि ऋण-प्रस्ताव सरकार की किसी ऐसी योजना से संबद्ध हो, जिसमें सरकार पूँजी सब्सिडी
प्रदान करती है, तब भी वह प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अंतर्गत पात्र होगा।